शहीद उधम सिंह

उधम
सिंह का जनम २६ दिसम्बर १८९९ को गांव में हुआ था. उसने अपने माता पिता को
सात साल की उम्र में खो दिया था. दोनों भाई एक अनाथ आश्रम में रहते था. उधम सिंह की भाई की मृत्यु सन १९१७ माय होगई थी. उसके बाद सन १९१८ में उधम सिंह ने अनाथ आश्रम चोर का विस्वविद्यालय में दखिहला लिया.
उधम सिंह उनमे से एक योद्धा है जीनोने ब्रितिशेर के खिलाफ जुंग में हिसा लिया था. वो सन १९१९ में बैसाखी के सुजोह अवसर पर जल्लिंवाला बैग में उपसस्तित थे. उस सम्हे बेक़सूर लोगो पर जनरल एडवर्ड डायेर ने गुलिया चलने का हुकम दिया.उधम सिंह ने एस हादसे से गुसा और उदाशी के चलते ब्रिटीशर के खिलाफ विद्रोह किया. उन्होंने ४ साल जेल में कटे क्यूँ की उन्होंने गलत तरीके से बंदूके ख़रीदे था. जेल से निकलने के बाद उन्हों ने जगह- जगह जा कर जल्लियाँवाला बाघ के हादसे का बदला लिया. सन १३ मार्च १९४० में उधम सिंह ने लन्दन के सहर में किताब के अंदर बंदूक छुपकर एक समालन में जनरल डायर को ग्लोई मरी. जिन होने जल्लिंयाँवाला बाघ में निर्दोष लोगो की हत्या की. उसे मरने के बाद उधम सिंह ने बग्ने की कोशिश नहीं की.
३१ जुलाई १९४० में उधम सिंह को फाँसी की सजा दी गयी. उधम सिंह एक महान व्यक्ति थे. जिनके भारत को आज़ादी दिलाने में बहुत बड़ा योगदान था.
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