Saturday 1 February 2014

मिला एक और सौर मंडल

धरती जैसे ग्रह ढूंढने निकले वैज्ञानिकों को एक और बड़ी सफलता मिली है. 2,500 प्रकाश वर्ष दूर उन्हें एक और सौर मंडल मिला है.

 जर्मनी की स्पेस अंतरिक्ष एजेंसी डीएलआर के वैज्ञानिकों ने अन्य यूरोपीय वैज्ञानिकों के साथ मिल कर अब तक कई सौर मंडल खोजे हैं.
सूरज केओआई 351 के आस पास सात ग्रह घूम रहे हैं. इनमें से चार अभी नए मिले हैं. एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में खगोल भौतिकशास्त्री खुआन काब्रेरा ने बताया, "कोई दूसरा सौरमंडल हमारे जितना समान नहीं है, जितना केओआई 351 है. बिलकुल हमारे सौर मंडल की तरह अंदर की कक्षा में धरती जैसे ही पत्थर वाले ग्रह हैं. और बाहरी तरफ बृहस्पति और शनि जैसे. हम अभी नहीं बता सकते कि यह खोज कितनी महत्वपूर्ण हैं. लेकिन हमारी सौर प्रणाली जैसा जुड़वां मंडल पाना अहम है और इसके साथ ही दूसरी धरती की खोज भी."
केओआई 351 धरती से 2,500 प्रकाश वर्ष दूर है. इसके तीन ग्रह सूरज का चक्कर 331, 211 और 60 दिन में लगाते हैं, जो धरती, शुक्र और बुध जैसा है. इन्हें पहले ही तलाश लिया गया था. जो ग्रह अब काब्रेरा की टीम ने खोजे हैं, उनका एक साल 7, 9, 93 और 125 दिन का होता है.
 उस सूरज से जो सबसे दूर का ग्रह है, वह 15 करोड़ किलोमीटर दूरी पर चक्कर लगा रहा है. यानी कुल मिला कर ग्रहों की दूरी भी आकाशगंगा के ग्रहों जैसी ही है.
केओआई का मतलब है, केपलर ऑबजेक्ट ऑफ इंटरेस्ट. यानी यह सौर मंडल उस समय खोजा गया, जब केपलर अंतरिक्ष की यात्रा कर रहा था.
अब तक कुल 771 तारे ऐसे मिले हैं जिनके आस पास ग्रह चक्कर काट रहे हैं. अधिकतर मामलों में एक या दो ही ग्रह हैं. डीएलआर के मुताबिक 170 तारे यानि सूरज ऐसे हैं जिनके आस पास एक से ज्यादा ग्रह चक्कर काट रहे हैं.
बड़े सौर मंडल सामान्य तौर पर अपवाद ही हैं, इसलिए नहीं कि वे मौजूद नहीं हैं बल्कि इसलिए कि उनके बारे में मुश्किल से पता चल पाता है. अभी तक ऐसे पांच ग्रह मिले हैं. इसलिए अभी यह भी पता लगाना मुश्किल है कि क्या केओआई 351 दूसरी धरती साबित हो सकती है. वहां जाकर तो देखा नहीं जा सकता, क्योंकि एक प्रकाश वर्ष का मतलब 9.4 अरब किलोमीटर होता है.

एएम/आईबी (एएफपी, डीपीए)

DW.DE


No comments:

Post a Comment