Saturday, 1 February 2014

सैर कीजिए भविष्य की

धरती से लेकर अंतरिक्ष तक हर जगह वैज्ञानिक चीजों को समझने की कोशिश में लगे हैं. एक तरफ धरती पर भविष्य के आधुनिक शहर बसाने की तैयारी है तो दूसरी ओर मंगल ग्रह पर पूरी की पूरी कॉलोनी बसाने की भी योजना है.

 जब हर दिन की भागदौड़ से आपको खीज मचती है तो क्या कभी ऐसा ख्याल आता है कि दुनिया में बहुत कुछ गड़बड़ है. फिर तो ऐसी एक नई दुनिया की भी ख्वाहिश होती होगी जहां सब कुछ ठीक ठाक हो. अगर चाहें तो आप मंगल ग्रह पर जाकर वहां अपने सपनों की दुनिया बसा सकते हैं. जी हां, आपको मंगल पर जाने का टिकट मिल सकता है. समस्या सिर्फ एक है कि अगर वहां जाकर आपको अपने पुराने ग्रह की याद सताने लगे तो भी आप वापस नहीं लौट सकेंगे. कम से कम अगले दस साल में तो ऐसा होता नहीं दिख रहा. मंथन में इस बार आपकी मुलाकात करवाएंगे ऐसे एक शख्स से जो मंगल ग्रह पर जाने वाले पहले यात्रियों में शामिल होगा. आप देख सकेंगे कि वह एक नए ग्रह पर जीने के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं.
भारत का मंगलयान भी सितंबर 2014 में लाल ग्रह पर पहुंचेगा और वहां के वातावरण से जुड़ी जानकारियां धरती पर भेजेगा. तब तक ठीक ठाक यह जान पाना मुश्किल होगा कि वहां का माहौल इंसान के रहने के लिए कितना उचित है. लेकिन एक बात तो तय है कि फिलहाल तो सिर्फ रोबोट्स ही हैं जो वे सारे काम भी कर पाते हैं जिन्हें इंसान नहीं कर सकते. मंथन में इस बार ले चलेंगे आपको रोबोट्स की एक प्रतियोगिता में. जर्मनी के पहले स्पेसबोट कप को जीतने वाले रोबोट को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रदर्शनी भेजा जाएगा.

भविष्य के घरों में होंगे ऊर्जा सिस्टम भी इंटेलिजेंट
साथ ही वैज्ञानिक ऐसे घरों को बनाने पर काम कर रहे हैं जिनमें घर के अंदर ही उनके जरूरत की सारी चीजें बन जाएं. इन भविष्य के शहरों में बेहतर जीवनशैली के लिए वे सारी चीजें मौजूद होंगी जिससे जिंदगी आसान हो जाए. इस बार शो में देखें कि जर्मनी के श्टुटगार्ट शहर में वैज्ञानिक आने वाले कल के शहर की कैसी तस्वीर उकेर रहे हैं.
पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी जीवन का स्रोत तो है ही, साथ ही यह हमारे मूड पर भी असरडालती है. दुनिया के बहुत से देशों में सर्दियों के महीने में रोशनी की कमी के कारण तो लोग अवसाद में जाने लगते हैं. इस समस्या को देखते हुए जर्मनी की एक कंपनी ने ऐसी आधुनिक प्रकाश व्यवस्था तैयार की है जो इंसान के मूड को अच्छा बनाए रखे. बढ़ते अवसाद, गुस्से और मानसिक असंतुलन के कारण समाज में अपराध भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में गुनहगारों को पकड़ने की और किन आधुनिक तकनीकों पर काम चल रहा है, जानने के लिए जरूर देखें मंथन, शनिवार सुबह साढ़े दस बजे, सिर्फ डीडी नेशनल पर.
आरआर/आईबी

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