Saturday, 1 February 2014

क्या-क्या खोजा वैज्ञानिकों ने?


जेनेवा में महाप्रयोग से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें हिग्स बोसोन या गॉड पार्टिकल की एक झलक मिली है. समझा जाता है कि यही वो अदृश्य तत्व है जिससे किसी अणु को द्रव्यमान मिलता है. (तस्वीर:सीईआरएन)

डीआर कांगो के शोधकर्ताओं ने इस साल बंदर की एक नई प्रजाति खोज निकाली जिसे लेसुला के नाम से जाना जाता है. (तस्वीर: प्लॉस वन)

ये मेढ़क की एक नई प्रजाति है जिसके बारे में माना जाता है कि ये दुनिया का सबसे नन्हा मेढ़क है. इसे पापुआ न्यूगिनी में पाया गया. लम्बाई महज सात मिलीमीटर. (तस्वीर: लुइज़ियाना स्टेट यूनिवर्सटी

वैज्ञानिकों का कहना है कि अफ्रीका की धरती में जल का विपुल भंडार है जिसका अभी तक दोहन नहीं हुआ है. (तस्वीर: एएफपी/ गेटी)

न्यूज़ीलैंड में प्रागैतिहासिक काल के पांच फुट ऊंचे पेग्विन के जीवाश्म मिले हैं जो लगभग ढाई करोड़ साल पुराने हैं. (तस्वीर: क्रिस गैस्किन/ जियोलॉजी म्यूज़ियम, ओटागो यूनिवर्सिटी)

पानी सिर्फ धरती पर नहीं है. वैज्ञानिकों ने पता लगा लिया है कि बुध ग्रह पर बर्फ की शक्ल में पानी का विशाल भंडार मौजूद है.

केन्या में मानव की एक नई प्रजाति का जीवाश्म मिला जो धरती पर 20 लाख साल पहले रहता था. इस प्रजाति के मानव के पास अपेक्षाकृत बड़ा मस्तिष्क था. (तस्वीर:एसपीएल)

धरती से 40 प्रकाश वर्ष दूर एचडी 40307 को 'सुपर अर्थ' माना जा रहा है जहां पानी तरल अवस्था में मिलने के संकेत हैं (तस्वीर: पीए)

घोड़े का चमचमाता ये सिर बुल्गारिया के पुरातत्वविदों ने एक प्राचीन गुम्बद से खोजा है. माना जाता है कि ये ईसा पूर्व तीसरी या चौथी सदी का है.


BBC

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